वो अपणे सोळे हाथ म्ह सात तारे लिए होड़ था, अर उसकै मुँह म्ह तै पैन्नी दोधारी तलवार लिकड़ै थी। उसका मुँह इस ढाळ बळै था, जिस ढाळ सूरज करड़ी धूप के बखत चमकै सै।
अर हरेक देश के माणसां ताहीं मारण कै खात्तर, उसके मुँह तै एक पैन्ही तलवार लिकड़ै थी, अर वो लोहवै का राजदण्ड लिए होड़ उनपै राज करैगा, अर वो सर्वशक्तिमान परमेसवर के छो की जलन की मदिरा के कुण्ड म्ह अंगूरां नै रौंदैगा।
उसनै मेरे ताहीं यो भी कह्या के इफिसुस नगर की कलीसिया के सुर्गदूत नै न्यू लिख के, “जो सात्तु तारे अपणे सोळे हाथ म्ह लिए होड़ सै, अर सोन्ने की सात्तु दीवटां कै बिचाळै हाँडै सै, वो न्यू कहवै सै”
इस करकै पाप करणा छोड़ दे, न्ही तो मै तेरे धोरै तावळा-ए आऊँगा, अर झूठ्ठी शिक्षा देण आळे उन माणसां के खिलाफ अपणे मुँह तै लिकड़ण आळी उस तलवार तै लडूँगा, जो के मेरा वचन सै।