“थम धरती पै लोग्गां खात्तर नूण की तरियां सों, पर जै नूण का सुवाद जान्दा रहवै, तो वो किस चीज तै नमकीन करया जावैगा? फेर वो किसे काम का न्ही, सिर्फ इसकै के बाहर फेक्या ज्या अर माणसां के पैरां तळै चिकल्या ज्या।”
तो सोच ल्यो के वो माणस और भी भारया दण्ड कै जोग्गा ठहरैगा, जिसनै परमेसवर के बेट्टे की कदर न्ही जाणी अर मसीह के लहू ताहीं अपवित्र जाण्या, जो उस ताहीं शुद्ध करै सै, अर उस पवित्र आत्मा का अपमान करै सै, जो हमनै अनुग्रह देवै सै।
अर वा जनानी उस बण म्ह भाजगी, जित्त परमेसवर की ओड़ तै उसकै खात्तर एक जगहां त्यार करी गई थी, ताके ओड़ै एक हजार दो सौ साठ दिन ताहीं उसकी देखभाळ अर उसका पालन-पोषण करया जावै।
फेर मन्नै पवित्र नगर नये यरुशलेम ताहीं सुर्ग पै तै, परमेसवर कै धोरै तै उतरदे देख्या, अर वो नगर उस बन्दड़ी की तरियां था, जो अपणे बन्दड़े खात्तर सिंगार करकै सिंगरी हो सै।
अर जै कोए इस भविष्यवाणी की किताब की बात्तां म्ह तै किमे लिकाड़ै, तो परमेसवर उस जीवन के दरखत अर पवित्र नगर म्ह तै जिसका जिक्र इस किताब म्ह सै, उसका हिस्सा लिकाड़ देवैगा।