1 फेर मेरै ताहीं नाप्पण कै खात्तर एक सरकण्डा दिया, जो नाप्पण के यन्त्र जिसा था, अर किसे नै मेरे तै कह्या, “उठ, परमेसवर के मन्दर अर वेदी ताहीं नाप ले, अर उस म्ह आराधना करण आळा की गिणती करले।
अर परमेसवर कै मन्दर म्ह मूर्तियाँ का काम कोनी। क्यूँके हम तो जिन्दे परमेसवर के मन्दर सां, जिसा परमेसवर नै पवित्र ग्रन्थ म्ह कह्या, “मै अपणे माणसां कै गैल रहूँगा, अर उन म्ह हान्डया-फिरया करुँगा, अर मै उनका परमेसवर होऊँगा, अर वे मेरे माणस होवैंगें।”
पर थारे म्ह इसा ना हो, क्यूँके थम परमेसवर के चुणे होए माणस सो, थम परमेसवर के याजक सों, जो के राजा सै, थम परमेसवर के समर्पित माणस सों, अर थम जो परमेसवर के कुह्वावै सों, उसनै थारे ताहीं अन्धकार म्ह तै रोशनी म्ह बुलाया सै, ताके थम परमेसवर के उन अनोक्खे काम्मां के बारें म्ह माणसां ताहीं बता सको।