जै कोए मेरा चेल्ला बणणा चाहवै सै, अर अपणे माँ-बाप अर घरआळी अर बाळकां नै अर भाईयाँ नै अर भाणां नै बल्के अपणे जीवन नै भी मेरे तै ज्यादा प्यार करै सै, तो वो मेरा चेल्ला न्ही हो सकदा।
माल्लिक नै उस अधर्मी भण्डारी ताहीं सराहया के उसनै कितनी चतुराई तै काम करया सै। क्यूँके इस दुनिया के माणस अपणे बखत के माणसां के गेल्या व्यवहार म्ह चाँदणे के माणसां तै घणे चलाक सै।
उसनै मसीह कै कारण बदनाम होण ताहीं मिस्र देश कै भण्डार तै बड्ड़ा धन समझया, क्यूँके वो जो करण लागरया था, उस ताहीं वो जाणे था, के सुर्ग म्ह उसका ईनाम मिलैगा।