हे कपटी शास्त्रियो अर फरीसियों, थारे पै धिक्कार सै! क्यूँके थम लालची अर स्वार्थी सों, पर थम अपणे-आपनै पवित्र राक्खण का ढोंग करो सों, इस खात्तर थम उन कटोरे अर थाळी के समान सों जो उप्पर तै तो साफ सै पर भित्तर तै वे गन्दे सै।
क्यूँके मै थमनै कहूँ सूं, के जै थारा आत्मिक जीवन शास्त्रियाँ अर फरीसियाँ के आत्मिक जीवन तै बढ़कै न्ही हो, तो थम सुर्ग के राज्य म्ह कदे बड़ न्ही पाओगें।”
इस बात कै खात्तर महायाजक अर सारे यहूदी अगुवें गवाह सै, के उनतै मै भाईयाँ कै नाम पै चिट्ठियाँ लेकै दमिश्क नगर नै चाल्या जाऊँ था, के जो ओड़ै हों उन ताहीं भी सजा दुवाण कै खात्तर बाँधकै यरुशलेम नगर लाऊँ।
एक बखत था जिब मै मूसा नबी के नियम-कायदे बिना जीऊँ था, पर जिब मन्नै मूसा नबी के नियम-कायदा ताहीं जाण्या, तो मेरे म्ह पाप करण की इच्छा होण लाग्गी, अर मै मरे होया जिसा होग्या।
क्यूँके मै प्रेरितां म्ह सारया तै कम महत्वपूर्ण सूं, बल्के प्रेरित बणण कै जोग्गा भी कोनी था, क्यूँके मन्नै परमेसवर की कलीसिया के बिश्वासियाँ ताहीं सताया था।
ताके थम परमेसवर की ऊलाद की तरियां इस दुनिया के बुरे अर मतलबी माणसां के बीच म्ह पवित्र अर बेदाग जीवन जी सकों। दुनिया के माणसां के बीच म्ह थम जीवन का वचन लिये होए, आसमान के तारां के समान चमकों।
अर मै उसका कहलाऊँ, इब मेरी अपणी धार्मिकता वा कोनी जो नियम-कायदा के पुगाण तै आवै सै, बल्के मेरी धार्मिकता वा सै जो सिर्फ परमेसवर की ओड़ तै मसीह पै मेरे बिश्वास करण कै कारण आवै सै।