क्यूँके हमनै बेरा सै के पलभर का शारीरिक देह सरीखा घर जो हमनै मिल्या सै, जो नाश करया जावैगा, तो हमनै परमेसवर कै कान्ही तै सुर्ग पै एक इसा घर मिलैगा, जो हाथ्थां तै बण्या होया न्ही, पर सारी हाण खात्तर टिकाऊ सै।
मै तो याए मन तै लालसा अर आस राक्खूँ सूं, के मै किसे बात म्ह शर्मिन्दा ना होऊँ, पर साहस कै साथ परमेसवर का वचन सुणा सकूँ, जिसा पैहले मन्नै सुण्या था, चाहे मै जिन्दा रहूँ या मरु, मसीह की बड़ाई मेरी देह के जरिये होन्दी रहवै।
फेर मन्नै सुर्ग तै यो शब्द सुण्या, के लिख, जो मुर्दे प्रभु म्ह मरै सै, वे इब तै धन्य सै, आत्मा कहवै सै, हाँ, क्यूँके वे अपणी मैहनतां तै आराम पावैंगें, अर उनकै काम उनकै गेल्या हो लेवैगें।