3 जिब अंगूर का रस खतम होग्या, फेर यीशु की माँ उसतै बोल्ली, “उनकै धोरै अंगूर का रस कोनी रहया।”
क्यूँके यो करार का मेरा वो लहू सै, जो घणखरयां कै खात्तर पापां की माफी कै खात्तर बहाया जावै सै।
इस करकै उसकी भाणां नै यीशु ताहीं कुहवां भेज्या, “हे प्रभु, लखा, जिसतै तू प्यार करै सै, वो बीमार सै।”
यीशु अर उसके चेल्लें भी उस ब्याह म्ह न्योंद राक्खे थे।
यीशु नै उसतै कह्या, “हे नारी, या बात तू मेरे तै क्यूँ कहवै सै? इब्बै मेरा बखत कोनी आया।”
किसे भी बात की चिंता ना करो, पर हर हालात म्ह थारे निवेदन, प्रार्थना, बिनती अर धन्यवाद कै गैल परमेसवर कै आग्गै पेश करै जावै।