हम उस जीवन देण आळे वचन कै बारें म्ह लिखण लागरे सां, जो शरु तै था, जिस ताहीं हमनै सुण्या, अर जिस ताहीं हमनै अपणी आँखां तै देख्या, बल्के जिस ताहीं हमनै ध्यान तै देख्या अर हाथ्थां तै छुआ।
(यो जीवन दुनिया म्ह आया अर हमनै इस ताहीं देख्या, अर हम उसके गवाह सां, अर थमनै उस अनन्त जीवन की खबर देवां सां, जो पिता कै गैल था अर म्हारै पै जाहिर होया)।
फेर सुर्गदूत नै मेरै ताहीं पाणी दिखाया जो जीवन देण आळा पाणी कहलावै सै, अर वो पाणी शीशे की तरियां साफ था, अर उसका चोवां परमेसवर का सिंहासन सै, जो के मेम्ने का भी सिंहासन सै।