या चिट्ठी रोम नगर के उन सारे माणसां के नाम सै, जो परमेसवर के प्यारे सै, अर उसके पवित्र जन होण कै खात्तर बुलाए गये सै। मै प्रार्थना करुँ सूं, के म्हारै पिता परमेसवर अर प्रभु यीशु मसीह की ओड़ तै थारे ताहीं अनुग्रह अर शान्ति मिलदी रहवै।
कई माणसां नै इस झूठ्ठे ज्ञान ताहीं अपणालिया सै, अर कहवै सै, के हमनै ज्ञान सै, इसा करण तै वे सच्ची शिक्षा तै दूर होगे सै, मै प्रार्थना करुँ सूं, के परमेसवर का अनुग्रह उनपै भी अर थारे पै भी होन्दा रहवै।