ओड़ै तै जहाज खोल कै हम दुसरे दिन खियुस टापू कै स्याम्ही पोहचे, अर आगले दिन सामुस टापू म्ह जाण लाग्गे, पर उसके आगले एक दिन कै बाद मीलेतुस बन्दरगाह म्ह आये।
बिश्वासी भाई गयुस भी थारे ताहीं नमस्कार करै सै मै इब उसके घर म्ह रहण लागरया सूं, जित्त कलीसिया कठ्ठी हो सै। बिश्वासी भाई इरास्तुस जो नगर का भण्डारी सै, अर भाई क्वारतुस का भी थारे ताहीं नमस्कार।