कुछ सिपाहियाँ नै भी उसतै बुझया, “हम के करा?” उसनै उनतै कह्या, “किसे पै जुल्म करकै पईसे ना लियो, अर ना झूठ्ठा इल्जाम लाइयो, अर अपणी तन्खा पै संतोष करियो।”
हमनै बेरा सै के जो माणस परमेसवर तै प्यार राक्खै सै, उनकै खात्तर सारी बात मिलकै भलाई ए नै पैदा करै सै, यानिके उनकै खात्तर जो उसकी मर्जी कै मुताबिक चुणे होए सै।
क्यूँके देह की कसरत तै माड़ा सा फायदा होवै सै, पर भगति सारी बात्तां कै खात्तर फैयदेमन्द सै, क्यूँके यो इस धरती पै जिन्दा रहन्दे होए अर मरण कै बाद भी एक ईनाम का वादा सै।
अपणी जिन्दगी नै धन के लालच तै मुक्त राक्खों, अर जो थारे धोरै सै उस्से पै सन्तोष करो, क्यूँके उसनै आप्पे ए कह्या सै, “मै तन्नै कदे भी न्ही छोड़ूँगा, अर ना कदे भी त्यागूँगा।”