जिब पौलुस अर बरनबास का उनतै घणा वाद-विवाद अर बहस होई तो यो फैसला लिया गया के पौलुस अर बरनबास अर उन म्ह तै कुछ माणस इस बात कै बारै म्ह प्रेरितां अर कलीसिया के अगुवां कै धोरै यरुशलेम नगर म्ह जावै।
जिस तरियां थम अपणी परवाह करो सों, उस्से तरियां दुसरयां की परवाह करो, खुद पै घमण्ड ना करो, पर दीन-दुखियाँ कै गेल्या संगति राक्खो, अपणी नजर म्ह अकलमंद ना होवो।
आओ! हम खुद नै सही तरिक्के तै चलाणा शरु करा, जो उन माणसां की तरियां सै जो चाँदणे म्ह रहवै सै, पर अँधेरे म्ह रहण आळे माणसां की ढाळ ना बणो जो भोग-विलास, दारूबाजी, जारी, लुचपण, रोळे अर जळण करण जिसा काम करै सै।
धोक्खे म्ह ना रहों, जै थारे म्ह तै कोए यो सोच बेठ्ठै के वो दुनियावी बात्तां के मुताबिक अकलमंद सै, तो ठीक तो यो होगा के वो खुद नै बेकूफ बणाले ताके अकलमंद बण जावै।
क्यूँके इब ताहीं थम दुनियावी माणसां के पापी सुभाव के मुताबिक जीवन जिओ सों। ज्यांतै के इब भी थारे म्ह जळण अर झगड़े सै, तो के थम दुनियावी माणसां की तरियां कोनी? थम उन माणसां की तरियां सों जो परमेसवर के कोनी।
क्यूँके जिब थमनै कोए गुलाम बणा लेवै सै, या जो भी थारे धोरै सै सब ले लेवै सै, या फँसा लेवै सै, या अपणे-आपनै बड्ड़ा बणावै सै, या थारे मुँह पै थप्पड़ मारै सै, तो थम सह लेओ सो।
वो अधर्मी माणस परमेसवर अर उन दुसरी चिज्जां का बिरोध करैगा। जिनकी लोग भगति करै, वो दावा करैगा के वो उनतै भी घणा बड़ा सै, उरै ताहीं के वो परमेसवर के मन्दर म्ह बैठकै अपणे-आप ताहीं ईश्वर बतावैगा।
बिश्वासियाँ नै ये बात समझा दे, अर प्रभु की मौजूदगी म्ह समझा दे, के शब्दां पै बहस-बाजी ना करया करै, जिसतै कुछ फायदा कोनी होन्दा, क्यूँके यो उन माणसां के उस बिश्वास नै नुकसान पुहचा सकै सै जो उननै सुणै सै।
पर ये झूठ्ठे शिक्षक जंगली-जानवरां की तरियां सै, ये जानवर न्ही जाणते के किस तरियां सोचणा सै, अर उनका मकसद पकड़े जाणा अर मरणा सै। ये लोग भी वोए काम करै सै जो इनकै मन म्ह आवै सै, अर उन चिज्जां के बारें म्ह बुराई करै सै, जिसके बारें म्ह वे न्ही समझते, वे नाश हो जावैंगे।
जिब वे माणसां नै सिखावै सै तो वो बेकार के अर घमण्डी शब्दां नै इस्तमाल करै सै, वे माणसां नै समझावै सै के वो बुरे काम कर सकै सै जो उनकी देह करणा चाहवै सै, अर उन माणसां तै भी दुबारा धोक्खें तै पाप करवाणा चाहवै सै, जो बुरी जिन्दगी तै बाळ-बाळ बचे सै।
पर परमेसवर का कहणा ना मानण आळे ये लोग उन बात्तां की आलोचना बुरे शब्दां तै करै सै, जिन ताहीं वे जाणदे ए कोनी, अर जिन बात्तां नै वे जाणै सै, उन ताहीं वे बिना सोच्चे-समझे जंगली-जानवरां की तरियां करै सै, इसे काम्मां खात्तर परमेसवर उन ताहीं दण्ड देवैगा।
ये तो बेसबरे, बड़बड़ाण आळे, अर अपणी मर्जिया कै मुताबिक लगातार बुरे काम करै सै, अर अपणे मुँह तै घमण्ड की बात बोल्लै सै, वे अपणे फायदे कै खात्तर चापलूस्सी की बात करै सै।
तू जो कहवै सै, के मै धनी सूं, अर धनवान होग्या सूं, अर मन्नै किसे चीज का घाट्टा न्ही, अर न्यू न्ही जाण्दा, के तू निरभाग, नीच, कंगाल, आन्धा, अर उघाड़ा सै।