इस करकै सुणो, परमेसवर की ओड़ तै मिलण आळे दुख तै थम कितने गुणवाण बण गये, थारे म्ह कितना उत्साह, जबाबदारी, रिस, भय, लालसा, धुन अर बदला लेण का विचार छोड़णा, थमनै सारी तरियां तै न्यू साबित कर दिया सै, के थमनै इन सारी बात्तां म्ह कोए कमी कोनी छोड्डी।
के तू परमेसवर के वचन का प्रचार कर, परमेसवर के वचन ताहीं सुणाण खात्तर सदा तैयार रह, चाहे लोग इस ताहीं सुणणा चाहवै या ना चाहवै, ताके थम माणसां नै दिखा सको, के जो उननै करया सै, वो गलत करया सै, अर उनके पापां खात्तर उन ताहीं डाट सको, पर थम माणसां नै उत्साहित भी करो जिब थम उननै बड़े धीरज तै सिखाओ सों।