इस दुनिया के माणसां बरगे ना बणो, पर परमेसवर थारी सोच नै बदलै, अर थारा चाल-चलण भी बदलता जावै, जिसतै थम परमेसवर की भली, अर आच्छी लागण आळी, अर सिध्द इच्छा अनुभव तै बेरा पाड़ सको।
क्यूँके मन्नै बेरा सै के मेरै म्ह यानिके मेरे पापी सुभाव म्ह कोए आच्छी चीज वास कोनी कर दी। मेरा जी तो भले काम करण की इच्छा तो करै सै, पर भले काम मेरै तै बणदे कोनी।
तो के मूसा नबी के नियम-कायदे परमेसवर के वादे कै बिरोध म्ह सै? न्ही बिल्कुल न्ही! क्यूँके जै इसे नियम-कायदे सै, जो परमेसवर की नजर म्ह हमनै धर्मी बणावै, तो सदा का जीवन मूसा नबी के नियम-कायदा के मानण तै हम पा सकां सां।