21 पोछु एक ताकत वावू सोरग दूत मोटली घट्टीन पुळन तोसु एक दोगळू चूट्यु, एने यो कोयीन दोरीयामा नाख देदू, “मोटलो गाव बाबेलोन तोसोच मोटला ताकतसी पाळाय जासे, एने ओवतेन हेरो कोबी बी पोतू नि लागे.
पोछु मे एक ओवी ताकत वावू सोरगो दूत काजे वादवो पांघरलु सोरग गोथू उतरतेलु देख्यू, तेरा मुंडका पोर वादवान धोंदली होती. तेरो मूय सूर्या सारखो होतो एने तेरा पाये आगठान खांबा सारखो होता.
बाकीन जीत नी होयी एने सोरगमा तिंदरेन कोरता पोछि जागा नी रोयी.
एने होर एक टेकळ्या आपने जागे गोथा हाल गोया, एने बोयडान पोतू नि लाग्यू.
तेरा तोकलीतोन बिकोन मारे चे जादा नांबे उभरोहीन कोयसे, ‘हे मोटला नगर, बाबेलोन, हे पाक्का गाव, हाय, हाय, घोळी भोरमात तुसेक दोंड जोळ गोयलो छे’”
वीना वाजाडणे वावा, एने गीत गावणे वावा, एने पावी वावां एने फेपाऱ्या फुकने वावान बुल पोछु कोबी सोमवाय नि पोळे; एने काहना उगमोन काहनुस कारागीर बी पोछु कोबी तुसे काजे नि जोळे; एने घट्टीन चालनेन आवाज कोबी तारेमा सोमवाय नी पोळे;
एने मे एक मोटलु धोव्वु सिहासन एने तिना काजे, यु तिना पोर बोस रोयू, हेरे सामने सी कोवी एने वादवो वाटाय गोया, एने हिंदरेन कोरता जागा नि जोडी.
पोछु मे एक ताकत वावा सोरग दूतो काजे देख्यू जू उचला बुलोसी यु प्रचार कोरतू होतु, “इना किताबोन उगाळने एने तेरा छापा तुडनेन लायक कुन छे?”