इनापोरसी माणसे तीनाक कोया, “आमु नियम शास्त्रान जी वात सोमवला चे कि मसिह हमेशा रोयसे, ती तू काहा कोयतलु कि माणसोन पुऱ्यु काजे उचला पोर चोळनो जोरुरी छे? यु माणसोन पुऱ्यु कून छे?”
चे यो नोवलो गीत गावणे बाज गोया, “तू इना किताब काजे लेणे, एने तेरा छापा काजे उगाळनेन लायक छे; काहाकि तू जीव आपीन तारा लुयसी होर एक जाती एने भाषान एने माणसे एने जात्यामा गोथू परमेश्वरोन कोरता माणसो काजे मुले ली लेदलु छे,