7 अउर ऊँ चिड्डन के अकार, लड़ाई के खातिर तइआर घोड़न कि नाईं रहा हय, अउर उनखे मूँड़े माहीं मानो सोने के मुकुट रहे हँय; अउर उनखर मुँह मनइन कि नाईं रहे हँय।
अउर हमहीं एकठे उजर घोड़ा देखाई दिहिस, अउर ओखर सबार धनुस लए हय, अउर ओही एकठे मुकुट दीन ग, अउर उआ बिजई कि नाईं, बिजय यात्रा के खातिर निकर परा।
अउर उआ धुँआ म से धरती माहीं टिड्डी निकरीं, अउर उनहीं बीछिन कि नाईं सक्ती दीन गय।