6 ऊँ दिनन माहीं मनई मउत काहीं ढुँढ़िहँय, अउर न पइहँय; अउर मरँय के इच्छा करिहँय, अउर मउत उनसे दूरी भागी।
उआ समय माहीं ‘भयानक संकट से बचँइ के खातिर ऊँ पंचे पहारन से कइहँय, कि हमरे ऊपर गिरा, अउर टीलन से कइहँय, कि हमहीं मूँद ल्या।’
अउर पहारन, अउर चट्टानन से कहँइ लागें, “हमरे ऊपर गिर परा; अउर हमहीं पंचन काहीं उनखे मुँहे से जउन सिंहासन के ऊपर बइठ हें, अउर मेम्ना के कोप से लुकाय ल्या।