ओखे पीरा के धुँआ जुगन-जुगन तक उठत रही, पय जे उआ खतरनाक जानबर अउर ओखे मूरत के अराधना करत हें, अउर जउन ओखे नाम के छाप लगबाबत हें, उनहीं पंचन काहीं रातव-दिन चयन न मिली।”
चउथ स्वरगदूत तुरही फूँकिन, अउर सुरिज के एक तिहाई हिस्सा, अउर जोंधइआ के एक तिहाई हिस्सा, अउर तरइअन के एक तिहाई हिस्सा माहीं बिपत्ती आइगे, इहाँ तक कि उनखर एक तिहाई हिस्सा माहीं अँधिआर होइगा, अउर दिन अउर रात के एक तिहाई हिस्सा माहीं घलाय अँधिआर होइगा।