12 पहिल बिपत्ती बीत चुकी, देखा, अब इनखे बाद दुइठे बिपत्ती अउर आमँइ बाली हईं।
दूसर बिपत्ती बीत चुकी, देखा, तीसर बिपत्ती हरबिन आमँइ बाली ही।
अउर जब हम पुनि देखेन, त अकास के बीच माहीं एकठे चील्ह काहीं उड़त, अउर खुब चन्डे इआ कहत सुनेन, “ऊँ तिनहूँ स्वरगदूतन के तुरहिन के बोल के कारन, जिनखर फूँकब अबे बाँकी हय, धरती माहीं रहँइ बालेन के ऊपर घोर बिपत्ती आमँइ बाली ही।”