यीसु उनसे पुनि कहिन, कि “देखा, तूँ पंचे ईं छोट से छोट मनइन म से जे हमरे ऊपर बिसुआस करत हें, कोहू काहीं तुच्छ न जान्या; काहेकि हम तोंहसे सही कहित हएन, कि स्वरग माहीं उनखर दूत, स्वरग माहीं रहँइ बाले हमरे पिता के लघे हमेसा हाजिर रहत हें।
अउर ऊँ तुरही के खुब तेज अबाज के साथ अपने स्वरगदूतन काहीं पठइहँय, अउर ऊँ पंचे अकास के एक छोर से दुसरे छोर तक, चारिव दिसन से उनखे चुने मनइन काहीं एकट्ठा करिहँय।”
एसे तूँ पंचे हर समय परमातिमा के बचन माहीं बने रहा, अउर प्राथना करत रहा, कि तूँ पंचे ईं आमँइ बाली घटनन से बचि जा, बलकिन जब मनई के लड़िका दुबारा अइहँय, तब तूँ पंचे उनखे आँगे ठाढ़ होंइ के काबिल बने रहा।”
अउर जब आखिरी तुरही बजाई जई, तब एक पल माहीं मरे मनई, कबहूँ न नास होंइ बाली देंह काहीं पाइके जिन्दा होइ जइहँय; अउर जे कोऊ उआ समय जिन्दा रइहँय, त उनखर रूप बदल जई।
काहेकि प्रभू खुदय स्वरग से उतरिके अइहँय; उआ समय ललकार, अउर प्रधान स्वरगदूत के बोल सुनाई देई, अउर परमातिमा के तुरही फूँकी जई, तब जउन मसीह के ऊपर बिसुआस कइके मरिगें हँय, ऊँ पंचे पहिले जि उठिहँय।
यूहन्ना के तरफ से आसिया प्रदेस के सातव मसीही मन्डली के नाम। अउर उनखे तरफ से जउन हें, अउर जउन रहे हँय, अउर जउन आमँइ बाले हें; अउर उन सातँव आत्मन के तरफ से, जउन उनखे सिंहासन के आँगे हईं,
अउर जब सतमा दूत तुरही फूँकिन, त स्वरग माहीं एखे बारे माहीं बड़े-बड़े बोल होंइ लागें, कि “संसार के राज हमरे पंचन के प्रभू के, अउर उनखे मसीह के होइ ग हय, अउर ऊँ जुगन-जुगन तक राज करिहँय।”
अउर जब हम पुनि देखेन, त अकास के बीच माहीं एकठे चील्ह काहीं उड़त, अउर खुब चन्डे इआ कहत सुनेन, “ऊँ तिनहूँ स्वरगदूतन के तुरहिन के बोल के कारन, जिनखर फूँकब अबे बाँकी हय, धरती माहीं रहँइ बालेन के ऊपर घोर बिपत्ती आमँइ बाली ही।”