अउर तूँ पंचे इआ बात के ध्यान रक्खा, कि कउनव मनई परमातिमा के किरपा से बंचित न रहि जाय, अउर इहव बात के ध्यान रक्खा, कि तोंहरे पंचन के बीच माहीं अइसन कउनव झगड़ा के जड़ न फूट निकरय, कि तोंहऊँ पंचन काहीं कस्ट होय, अउर खुब मनई बिसुआस से भटक जाँय।
अउर ओखर पूँछ अकास के तरइअन के एक तिहाई हिस्सा काहीं, खींचिके धरती माहीं गिराय दिहिस। उआ अजिगर उआ मेहेरिआ के आँगे जउन लड़कहाई रही हय ठाढ़ भ, कि जब उआ लड़िका पइदा करय, त ओखे लड़िका काहीं लील लेय।