जब यीसु मन्दिर माहीं उपदेस देत रहे हँय, तब चन्डे से कहिन, “तूँ पंचे हमहीं जनते हया, अउर इहव जनते हया, कि हम कहाँ से आएन हय। पय हम अपने-आप नहीं आएन, जे हमहीं पठइन हीं, ऊँ सच्चे हँय, उनहीं तूँ पंचे नहीं जनते आह्या।
तब ऊँ अँगुअन म से एक जने हमसे कहिन, “न रोबा; देखा, यहूदा के कुल के उआ सेर, जउन राजा दाऊद के बंसज आहीं, उआ किताब काहीं खोलँय, अउर ओखर सातँव मोहर टोरँइ के खातिर बिजयी भे हँय।”
एखे बाद हम देखेन, कि हरेक जाति, अउर कुल, अउर लोग अउर भाँसा म से एकठे अइसन बड़ी भीड़, जउने काहीं कोऊ गिन नहीं सकत रहा आय, उजर ओन्हा पहिरे, अउर अपने हाँथेन माहीं खजूर के डेरइअन काहीं लए, सिंहासन के आँगे, अउर मेम्ना के आँगे ठाढ़ रही ही।