3 अउर जब मेम्ना दूसर मुहर खोलिन, त हम दुसरे प्रानी काहीं इआ कहत सुनेन, कि “आबा!”
तब ऊँ पंचे, उहाँ से चलेगें, अउर पथरा माहीं सील लगाय दिहिन, अउर पहरा देंइ बालेन काहीं उहाँ बइठाइके कब्र काहीं, सुरच्छित कइ दिहिन।
पहिल प्रानी सेर कि नाईं हय, अउर दूसर प्रानी बरधा कि नाईं हय, अउर तिसरे प्रानी के मुँह मनई कि नाईं हय, अउर चउथ प्रानी उड़त चील्ह कि नाईं हय।
पुनि हम देखेन, कि मेम्ना ऊँ सातव मुहरन म से एकठे काहीं खोलिन; अउर ऊँ चारिव प्रानिन म से एकठे के गरजँय कि नाईं बोल सुनान, कि “आबा!”
अउर जब मेम्ना सतमी मुहर खोलिन, त स्वरग माहीं आधा घन्टा तक सन्नाटा छाइगा।