अउर जब सतमा दूत तुरही फूँकिन, त स्वरग माहीं एखे बारे माहीं बड़े-बड़े बोल होंइ लागें, कि “संसार के राज हमरे पंचन के प्रभू के, अउर उनखे मसीह के होइ ग हय, अउर ऊँ जुगन-जुगन तक राज करिहँय।”
अउर गैरयहूदी लोग क्रोध किहिन, अउर अपना के कोप आय पहुँचा हय, अउर उआ समय आइगा हय, कि मरे मनइन के न्याय कीन जाय, अउर अपना के सँदेस बतामँइ बाले सेबकन अउर पबित्र मनइन काहीं, अउर उन छोट-बड़ेन काहीं जउन अपना के नाम से डेरात हें, बदला दीन जाय, अउर धरती के बिगाड़ँइ बाले नास कीन जाँय।”
अउर हम आगी से मिले सीसा कि नाईं, एकठे समुंद्र देखेन; अउर जउन मनई उआ खतरनाक जानबर के ऊपर, अउर ओखे मूरत के ऊपर, अउर ओखे संख्या के ऊपर बिजयी भे रहे हँय, उनहीं पंचन काहीं उआ सीसा के समुंद्र के लघे, परमातिमा के बीना काहीं लए ठाढ़ देखेन।