तब हम स्वरग माहीं, अउर धरती के ऊपर, अउर धरती के नीचे, अउर समुंद्र के बनाई सगली चीजन काहीं, अउर सब कुछ काहीं जउन उन माहीं हँय, इआ कहत सुनेन, कि जउन सिंहासन के ऊपर बइठ हें, उनखर, अउर मेम्ना के धन्यबाद, अउर मान-सम्मान, अउर महिमा अउर राज, जुगन-जुगन तक रहय।