अब जउन बातँय हम पंचे बताय रहेन हय, उनमा से सगलेन से खास बात त इआ हय, कि हमार पंचन के अइसन महायाजक हें, जउन स्वरग माहीं सबसे महान परमातिमा के सिंहासन के दहिने कइती जाइके बइठिगें हँय।
अउर उआ मेहेरिआ के लड़िका भ, जउन लोहे के राजदन्ड लए, सगले जातिअन के ऊपर राज करँइ बाला रहा हय, अउर उआ लड़िका एकाएक परमातिमा के लघे, अउर उनखे सिंहासन के लघे उठाइके पहुँचाय दीन ग।
त ऊँ हमहीं पबित्र आत्मा माहीं, सुनसान जघा माहीं लइगें, अउर हम लाल रंग के खतरनाक जानबर के ऊपर, जउन परमातिमा के बुराई के सब्दन से भरा रहा हय, अउर जेखे सातठे मूँड़ अउर दसठे सींग रही हँय, एकठे मेहेरिआ काहीं बइठे देखेन।
जउन सिंहासन के ऊपर बइठ रहे हँय, ऊँ कहिन, “देखा, हम सब कुछ नबा कए देइत हएन।” ओखे बाद ऊँ पुनि कहिन, “लिख ल्या, काहेकि ईं बचन बिसुआस के काबिल अउर सत्य हें।”
तब हम स्वरग माहीं, अउर धरती के ऊपर, अउर धरती के नीचे, अउर समुंद्र के बनाई सगली चीजन काहीं, अउर सब कुछ काहीं जउन उन माहीं हँय, इआ कहत सुनेन, कि जउन सिंहासन के ऊपर बइठ हें, उनखर, अउर मेम्ना के धन्यबाद, अउर मान-सम्मान, अउर महिमा अउर राज, जुगन-जुगन तक रहय।
अउर पहारन, अउर चट्टानन से कहँइ लागें, “हमरे ऊपर गिर परा; अउर हमहीं पंचन काहीं उनखे मुँहे से जउन सिंहासन के ऊपर बइठ हें, अउर मेम्ना के कोप से लुकाय ल्या।