अउर जेखर सुनँय के मन होय, उआ सुन लेय, कि पबित्र आत्मा मसीही मन्डलिन से का कहत हय; जे बिजय पाई, ओही हम, न देखाँइ बाले मन्ना म से देब; अउर ओही एकठे उजर पथरा घलाय देब; अउर उआ पथरा माहीं एकठे नाम घलाय लिखा होई, जेही ओही पामँइ बाले के अलाबा, अउर कोऊ न जानी।”
जेखर सुनँय के मन होय, उआ सुन लेय, कि पबित्र आत्मा मसीही मन्डलिन से का कहत हय, जउन बिजय पाई, ओही हम उआ जीबन के बिरबा म से, जउन परमातिमा के स्वरगराज माहीं हय, फर खाँइ काहीं देब।”
“हम यीसु, अपने स्वरगदूत काहीं एसे पठएन हय, कि ऊँ तोंहरे पंचन के आँगे मसीही मन्डलिन के बारे माहीं, ईं बातन के गबाही देंय। हम दाऊद के मूल अउर बंस, अउर भिनसारे के चमकत तरइया आहेन।”