20 देखा, हम दुअरा माहीं ठाढ़े खट-खटाइत हएन; अगर कोऊ हमार बोल सुनिके दुअरा खोली, त हम ओखे भीतर आइके ओखे साथ खाना खाब, अउर उआ हमरे साथ।
इहइमेर से जब तूँ पंचे ईं सगली बातन काहीं होत देख्या, त इआ जान लिहा कि ऊँ अमइन बाले हें, बलकिन आइन गे हँय।
अउर का उआ अपने सेबक से इआ न कही, कि ‘हमरे खातिर खाना तइआर कर, अउर जब तक हम खाय-पी न लेई, तब तक करिहा बाँधिके हमार सेबा कर; ओखे बाद तहूँ खाय-पी लिहे’?
अउर ओखे खातिर गाड़र के सार माहीं पहरा देंइ बाला चउकीदार, दुअरा खोल देत हय, अउर गाड़र ओखे बात काहीं मनती हईं, अउर उआ अपने गड़रन काहीं ‘नाम लइ-लइके बोलाबत हय, अउर बहिरे लइ जात हय।
हे भाई-बहिनिव, एक दुसरे के ऊपर दोस न लगाबा जउने तुहूँ पंचे दोसी न ठहरा, देखा न्याय करँइ बाले दुअरा माहीं ठाढ़ हें।
तब स्वरगदूत हमसे कहिन, “इआ लिखा, कि ऊँ पंचे धन्य हें, जउन मेम्ना के बिआह-भोज माहीं बोलाए गे हँय।” पुनि ऊँ हमसे कहिन, “ईं बचन परमातिमा के सत्य बचन आहीं।”