2 जागत रहा, अउर उन चीजन काहीं जउन बाँकी रहि गई हँय, अउर जउन मिटँय बाली हईं, उनहीं मजबूत करा; काहेकि हम तोंहरे कउनव काम काहीं, अपने परमातिमा के नजर माहीं, पूर नहीं पाएन।
अउर ऊँ पंचे अपने सगले कामन काहीं, मनइन क देखामँइ के खातिर करत हें: अउर ऊँ पंचे अपने तहबीजन अउर ओन्हन के झालरन काहीं, एसे बड़ी से बड़ी करत रहत हें, कि जउने मनई उनहीं धरमी समझँय।
अउर उहाँ कुछ दिना रहे के बाद पवलुस उहाँ से चलेगें, अउर एक तरफ से गलातिया अउर फ्रूगिया प्रदेसन माहीं, सगले चेलन काहीं बिसुआस माहीं मजबूत करत आँगे बढ़िगें।
अउर तूँ पंचे सचेत होइके, हमेसा परमातिमा के बचन माहीं बने रहा, काहेकि तोंहार बइरी सइतान, गरजँय बाले सेर कि नाईं, हमेसा इआ खोज माहीं रहत हय, कि केही परमातिमा के बचन से भटकाय देई।
“देखा, हम चोर कि नाईं अइत हएन; धन्य हय उआ मनई जउन जागत रहत हय, अउर अपने ओन्हन के रखबारी करत हय, कि जउने नंगा न फिरय, अउर मनई ओखे नंगापन काहीं देखे न पामँय।”
एसे सुधि करा, कि तूँ कइसन सिच्छा पाया तय, अउर सुने रहे हया, ओहिन माहीं बने रहा, अउर पस्चाताप करा, अगर तूँ जागत न रइहा, त हम चोर कि नाईं आय जाब, अउर तूँ बेलकुल न जाने पइहा, कि हम कउने घरी, तोंहरे ऊपर आय परब।