अउर कुस्ती लड़ँइबाले हरेक पहिलमान, अपने देंह काहीं तइआर करँइ के खातिर, हरेकमेर के कसरत करत हें; अउर ऊँ पंचे त नास होंइ बाले मुकुट काहीं पामँइ के खातिर इआ सगली मेहनत करत हें, पय हम पंचे त उआ मुकुट काहीं पामँइ के खातिर मेहनत करित हएन, जउन कबहूँ नहीं नास होय।
“देखा, हम चोर कि नाईं अइत हएन; धन्य हय उआ मनई जउन जागत रहत हय, अउर अपने ओन्हन के रखबारी करत हय, कि जउने नंगा न फिरय, अउर मनई ओखे नंगापन काहीं देखे न पामँय।”
जउन कस्ट तोंहईं उठामँइ परी उनसे डेरा न। काहेकि देखा, सइतान तोंहरे पंचन म से कइअक जनेन काहीं जेल माहीं डारँइ बाला हय, जउने तूँ पंचे जाँचे-परखे जा; अउर तोंहईं पंचन काहीं दस दिन तक कस्ट उठामँइ परी, प्रान देंइ तक बिसुआसी रहा; त हम तोंहईं जीबन के मुकुट देब।
हम इआ त जानित हएन, कि तूँ उहाँ रहते हया, जहाँ सइतान के सिंहासन हय; अउर तूँ हमरे नाम माहीं बने रहते हया; अउर हमरे ऊपर बिसुआस करँइ से, उन दिनन माहीं पीछे नहीं हट्या, जउने माहीं हमार बिसुआस के काबिल गबाह अन्तिपास, तोंहरे पंचन के बीच माहीं, उआ जघा माहीं मार डारा ग, जहाँ सइतान रहत हय।
एसे सुधि करा, कि तूँ कइसन सिच्छा पाया तय, अउर सुने रहे हया, ओहिन माहीं बने रहा, अउर पस्चाताप करा, अगर तूँ जागत न रइहा, त हम चोर कि नाईं आय जाब, अउर तूँ बेलकुल न जाने पइहा, कि हम कउने घरी, तोंहरे ऊपर आय परब।