दरसनन के बातँय 3:1 - Bagheli Bible1 सरदीस के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, “जिनखे लघे परमातिमा के सातठे आत्मा, अउर सातठे तरइया हईं, ऊँ इआ कहत हें, कि हम तोंहरे कामन काहीं जानित हएन, कि तूँ जिन्दा त कहउते हया, पय हया मरे। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ईं पंचे तोंहरे प्रेम-भोज के खातिर कलंक कि नाईं हें, जउन तोंहरे साथ खात-पिअत हें। ईं पंचे समुद्र माहीं छिपी पथरा के बड़ी चट्टान कि नाईं हें, जउन खतरनाक होती हईं, अउर ईं पंचे निडर होइके, तोंहरे पंचन के साथ माहीं खात-पिअत त हें, पय इनहीं केबल अपनय सोरथ पूर करँइ के चिन्ता रहत ही। ईं पंचे पानी न बरसँय बाली बदरी कि नाईं होत हें, जिनहीं हबा उड़ाय लइ जात ही। अउर ईं पंचे पतझड़ के अइसन बिरबन कि नाईं होत हें, जउनेन माहीं कबहूँ फर नहीं लागँय, अउर जउन दुइ बेरी मर चुके हँय, अउर जड़ समेत उँखड़गे हँय।