7 जब हजार बरिस पूर होइ चुकिहँय, त सइतान कैद से छोंड़, दीन जई।
अउर ऊँ उआ अजिगर, अरथात पुरान साँप काहीं, जउन इबलीस अउर सइतान आय, पकड़िके हजार बरिस के खातिर बाँध दिहिन,
अउर ऊँ चारिव दूत खोल दीनगें, जउन उआ घरी, अउर दिन, अउर महीना, अउर बरिस के खातिर तइआर कीन गे रहे हँय, कि मनइन के एक तिहाई हिस्सा काहीं मारि डारँय।