6 पय हाँ, तोंहरे माहीं इआ बात त हय, कि तूँ गलत सिच्छा देंइ बाले नीकुलाई दल के कामन से नफरत करते हया, जिनसे हमहूँ नफरत करित हएन।
जेखर सुनँय के मन होय, उआ सुन लेय, कि पबित्र आत्मा मसीही मन्डलिन से का कहत हय, जउन बिजय पाई, ओही हम उआ जीबन के बिरबा म से, जउन परमातिमा के स्वरगराज माहीं हय, फर खाँइ काहीं देब।”