4 पय हमहीं तोंहरे बिरोध माहीं इआ कहँइ क हय, कि तूँ आपन पहिले कि नाईं प्रेम करब छोंड़ दिहा हय।
तब ऊँ सगली कुमारी उठिके, आपन-आपन मसालँय ठीक करँइ लागीं।
अउर हम हमेसा इहय प्राथना करत रहित हएन, कि तोंहार पंचन के प्रेम, ग्यान अउर हरेकमेर के सोचँय-समझँय के छमता अउर बाढ़त जाय।
हे भाई-बहिनिव, तोंहरे बारे माहीं हमहीं पंचन काहीं, हर समय परमातिमा काहीं धन्यबाद देत रहँइ चाही, अउर इआ उचितव हय, एसे कि तोंहार बिसुआस खुब बाढ़त जात हय, अउर तोंहार सगलेन के प्रेम घलाय आपस माहीं खुब बाढ़त जात हय।
पय हमहीं तोंहरे बिरोध माहीं कुछ बातँय कहँइ क हय, काहेकि तोंहरे इहाँ कुछ अइसन हें, जउन बिलाम के सिच्छा काहीं मानत हें, जउन बालाक राजा काहीं, इजराइलिअन के आँगे ठोकर के कारन रक्खँय सिखाइस, कि ऊँ पंचे मूरतिन के ऊपर चढ़ाई चीजन काहीं खाँय, अउर ब्यभिचार करँय।
पय हमहीं तोंहरे बिरोध माहीं इआ कहँइ क हय, कि तूँ उआ मेहेरिआ इजेबेल काहीं रहँइ देते हया, जउन अपने-आप काहीं परमातिमा के सँदेस बतामँइ बाली कहत ही, उआ अपने सिच्छा से, हमरे सेबकन काहीं ब्यभिचार करँय, अउर मूरतिन के आँगे चढ़ाई चीजन काहीं खाँय के खातिर बहकाबत ही।