22 देखा, हम ओही घोर कस्ट माहीं डारित हएन, अउर जे ओखे साथ ब्यभिचार करत हें, अगर ऊँ पंचे ओखी कि नाईं कामन से अपने मन काहीं न बदलिहँय, त हम उनहूँ काहीं घोर कस्ट माहीं डारब।
अउर हमहीं इहव बात के डेर हय, कि जब हम तोंहसे मिलँइ के खातिर अई। त तोंहरेन आँगे, हमार परमातिमा हमहीं लज्जित न करँइ; अउर हमहीं उनखे खातिर दुखी होंय परय, जउन पहिले पाप किहिन तय, अउर घिनहे-घिनहे काम किहिन तय, अउर ब्यभिचार किहिन तय, अउर भोग-बिलास के काम किहिन तय, पय उनखे खातिर पस्चाताप नहीं किहिन आय।
काहेकि ओखे ब्यभिचार के भयानक मदिरा के कारन, सगली जाति गिर गई हँय, अउर धरती के सगले राजा ओखे साथ ब्यभिचार किहिन हीं, अउर धरती के बइपारी ओखे सुख-बिलास के बहुतायत के कारन धनमान भे हँय।”
तूँ हमसे पहिले केतना प्रेम करत रहे हया, अउर अब केतना प्रेम करते हया, ओही सुध कइके, पस्चाताप करा, अउर पहिले कि नाईं काम करा; अउर अगर तूँ पस्चाताप न करिहा, त हम तोंहरे लघे आइके, तोंहरे दीबट काहीं उआ जघा से हटाय देब।