18 थुआतीरा के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, “परमातिमा के लड़िका जिनखर आँखी आगी के लपट कि नाईं हईं, अउर जिनखर गोड़ उत्तम पीतल कि नाईं हें, ऊँ इआ कहत हें, कि
तब सुबेदार, अउर जउन मनई उनखे साथ यीसु के पहरा देत रहे हँय, त ऊँ पंचे भुँइडोल अउर जउन कुछू भ रहा हय, ओही देखिके खुब डेराइगें, अउर कहँइ लागें, कि “वास्तव माहीं यीसु परमातिमा के लड़िका आहीं!”
अउर बचन मनई के रूप लइके संसार माहीं आएँ, अउर ऊँ किरपा अउर सच्चाई से भरपूर होइके, हमरे पंचन के बीच माहीं निबास किहिन, अउर हम पंचे उनखे महिमा काहीं, पिता परमातिमा के एकलउते लड़िका कि नाईं देखे हएन।
त जेही पिता पबित्र ठहराइके संसार माहीं पठइन हीं, तूँ पंचे उनसे कहते हया, कि तूँ परमातिमा के बुराई करते हया, एसे कि जउन हम कहेन, कि ‘हम परमातिमा के लड़िका आहेन।’
काहेकि परमातिमा संसार के मनइन से एतना प्रेम किहिन, कि ऊँ अपने एकलउता लड़िका काहीं दइ दिहिन, कि जउने उनखे ऊपर जे कोऊ बिसुआस करँय, ऊँ नास न होंय, पय अनन्त जीबन पामँय।
जे कोऊ उनखे ऊपर बिसुआस करत हय, उआ दोसी न ठहराबा जई, पय जे कोऊ उनखे ऊपर बिसुआस न करी, उआ दोसी ठहर चुका हय, काहेकि उआ परमातिमा के एकलउता लड़िका के ऊपर बिसुआस नहीं किहिस आय।
हम तोंहसे से सही-सही कहित हएन, कि उआ समय आमँय बाला हय, बलकिन आय चुका हय, जउने माहीं मरे मनई, परमातिमा के लड़िका के अबाज काहीं सुनिहँय, अउर जे कोऊ सुनिहँय, ऊँ जिन्दा होइ जइहँय।
तब लुदिया नाम के थुआतीरा सहर के बैगनी ओन्हा बेचँय बाली एकठे भक्त मेहेरिआ, सुनत रही हय, तब प्रभू ओखे मन काहीं खोलिन, जउने उआ पवलुस के बातन काहीं बड़े ध्यान से सुनय।
गइल माहीं चलत-चलत ऊँ पंचे जहाँ पानी रहा हय, उआ जघा माहीं पहुँचिगें, तब खोजा उनसे कहिन, “देखी, इहाँ पानी हय, अब हमहीं बपतिस्मा लेंइ माहीं कउनव अरचन नहिं आय।”
जब हमहीं पंचन काहीं मुक्ती देंइ के खातिर परमातिमा अपने एकलउते लड़िका काहीं बलिदान होंइ के खातिर दइ दिहिन हीं, त इआ सब दिहे के बाद, ऊँ अपने लड़िका के साथ हमहीं सब कुछ काहे न देइहँय? अरथात जरूर देइहँय।
इफिसुस के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, कि “जउन सातँव तरइया अपने दहिने हाँथ माहीं लए हें, अउर सोने के सातँव दीबटन के बीच माहीं चलत फिरत हें, ऊँ इआ कहत हें, कि
पय तूँ पंचे थुआतीरा के बाँकी मनइन से, जेतने इआ सिच्छा काहीं नहीं मानँय, अउर ऊँ बातन काहीं जिनहीं सइतान के गहिल बातँय कहत हें, नहीं जनते आह्या, इआ कहित हएन, कि हम तोंहरे पंचन के ऊपर अउर बोझ न डारब।