1 इफिसुस के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, कि “जउन सातँव तरइया अपने दहिने हाँथ माहीं लए हें, अउर सोने के सातँव दीबटन के बीच माहीं चलत फिरत हें, ऊँ इआ कहत हें, कि
अउर जउने बातन काहीं, हम तोंहईं पंचन काहीं मानँइ के हुकुम दिहेन हय, उँइन बातन काहीं मानँइ के खातिर उनहूँ पंचन काहीं सिखाबा: अउर इआ बात काहीं सुध रख्या, कि संसार के अन्त तक हमेसा हम तोंहरे पंचन के साथ माहीं रहब।”
अउर मूरतिन के साथ परमातिमा के मन्दिर के कउनव सम्बन्ध होइ सकत हय का? काहेकि हम पंचे त जिन्दा परमातिमा के मन्दिर आहेन; जइसन कि परमातिमा घलाय कहिन हीं, कि “हम उन माहीं निबास करब; अउर उनखे बीच माहीं चला फिरा करब; अउर हम उनखर परमातिमा होब, अउर ऊँ पंचे हमार निज प्रजा होइहँय।”
अउर ऊँ अपने दहिने हाँथ माहीं सातठे तरइया लए रहे हँय, अउर उनखे मुँहे से दुइ धार बाली चोंख तलबार निकरत रही हय; अउर उनखर मुँह अइसन चमकत रहा हय, जइसन सुरिज तेज घाम के समय चमकत हय।
ओखे बाद स्वरग माहीं एकठे बड़ा चिन्ह देखाई दिहिस, अरथात एकठे मेहेरिआ, जउन सुरिज ओढ़े रही हय, अउर जोंधइआ ओखे गोड़े के नीचे रही हय, अउर ओखे मूँड़े माहीं बारा तरइअन के मुकुट रहा हय।
थुआतीरा के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, “परमातिमा के लड़िका जिनखर आँखी आगी के लपट कि नाईं हईं, अउर जिनखर गोड़ उत्तम पीतल कि नाईं हें, ऊँ इआ कहत हें, कि
अउर लौदीकिया के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, कि “जउन आमीन, अउर बिसुआस के काबिल, अउर सच्चे गबाह हें, अउर परमातिमा के स्रस्टी के मूल कारन आहीं, ऊँ इआ कहत हें, कि
अउर फिलदिलफिया के मसीही मन्डली के दूत काहीं इआ लिखा, कि “जउन पबित्र अउर सच्चे हें, अउर जेखे लघे राजा दाऊद के उघन्नी हय, जेखे खोले काहीं कोऊ बन्द नहीं कइ सकय, अउर बन्द कीन काहीं कोऊ खोल नहीं सकय, ऊँ इआ कहत हें, कि