अउर इहइमेर से हम तोंहईं पंचन काहीं इहव बतामँइ चाहित हएन, कि कउनमेर से सदोम अउर अमोरा सहरन के अउर उनखे आस-पास के सहरन के मनई, ईंन स्वरगदूतन कि नाईं ब्यभिचार करँइ बाले होइगे रहे हँय, अउर बुरी बासनन के पीछे भागत रहे हँय, त प्रभू उनहीं कबहूँ न बुझाँय बाली आगी माहीं डारिके नास कइ दिहिन रहा हय, जउन हमरे पंचन के खातिर उदाहरन बनिगें हँय।