3 काहेकि ओखे ब्यभिचार के भयानक मदिरा के कारन, सगली जाति गिर गई हँय, अउर धरती के सगले राजा ओखे साथ ब्यभिचार किहिन हीं, अउर धरती के बइपारी ओखे सुख-बिलास के बहुतायत के कारन धनमान भे हँय।”
पय जमान बिधबन के नाम मसीही मन्डली के मदत सूची माहीं न लिख्या, काहेकि जब ऊँ मसीह के बचन काहीं मानब छोंड़िके, भोग-बिलास माहीं परि जाती हँय, त ऊँ बिआह करँय चहती हईं।
अउर अपने-अपने मूँड़ेन के ऊपर धूधुर डरिहँय, अउर रोबत अउर कलपत, चिल्लाय-चिल्लाइके कइहँय, ‘हाय! हाय! इआ बड़ा सहर, जेखे धन-सम्पत्ती के द्वारा समुंद्र के सगले जिहाज बाले धनी होइगे रहे हँय, घरी भर माहीं उजरिगा।’
अउर दिया के उँजिआर पुनि कबहूँ तोरे भीतर न चमकी, अउर दुलहा अउर दुलहिन के बोल पुनि कबहूँ तोरे भीतर सुनाई न देई; काहेकि तोर बइपारी धरती के प्रधान रहे हँय, अउर तोरे जादू से सगली जाति भरमाई गईं तय।