2 ऊँ खुब चन्डे गोहराइके कहिन, “गिरिगा, बड़ा बेबीलोन सहर गिरिगा हय, बुरी आत्मन के निबास, अउर हरेक असुद्ध आत्मन के अड्डा, अउर हरेक असुद्ध अउर घिनहे पंछिन के अड्डा होइगा हय।
पुनि एकठे अउर स्वरगदूत मन्दिर म से निकरिके, उनसे जउन बदरी माहीं बइठ रहे हँय, खुब चन्डे गोहराइके कहिन, “आपन हँसिया लगाइके कटाई करा, काहेकि कटाई करँइ के समय आइगा हय, एसे कि धरती के खेती पकि चुकी हय।”
अउर हम उआ अजिगर के मुँहे से, अउर उआ खतरनाक जानबर के मुँहे से, अउर परमातिमा के लबरी सँदेस बतामँइ बाले के मुँहे से, तीनठे असुद्ध आत्मन काहीं गुलरन के रूप माहीं निकरत देखेन।
एसे उआ बड़े सहर के तीन भाग होइगें, अउर हरेक जातिअन के सहर गिर परें; अउर बड़े बेबीलोन के स्मरन परमातिमा के इहाँ भ, कि ऊँ अपने क्रोध के जलजलाहट के मदिरा ओही पिआमँइ।
ओखे बाद एकठे बलमान स्वरगदूत बड़ी चक्की के जतबा कि नाईं एकठे पथरा उठाइन, अउर इआ कहिके समुंद्र माहीं फेंक दिहिन, “बड़ा सहर बेबीलोन इहइमेर बड़े बल से गिराबा जई, अउर पुनि ओखर कबहूँ पता न चली।