1 एखे बाद हम एकठे अउर स्वरगदूत काहीं, स्वरग से उतरत देखेन, जिनहीं बड़ा अधिकार मिला रहा हय; अउर धरती उनखे तेज से चमक उठी।
काहेकि जइसन बिजुली अकास के एक छोर से चमकिके, दुसरे छोर तक चमकत ही, उहइमेर मनई के लड़िका, अपने दिन माहीं अई।
तब उआ अधरमी प्रगट होई, जउने काहीं प्रभू यीसु अपने मुँहे के फूँक से मारि डरिहँय, अउर अपने आमँइ के तेज से भसम करिहँय।
हम पुनि एकठे अउर सक्तिसाली स्वरगदूत काहीं बदरी ओढ़े, स्वरग से उतरत देखेन। अउर उनखे मूँड़े माहीं इन्द्रधनुस रहा हय, अउर उनखर मुँह सुरिज कि नाईं, अउर उनखर गोड़ आगी के खम्भा कि नाईं रहे हँय।
अउर जउने सातठे स्वरगदूतन के लघे ऊँ सातठे खोरबा रहे हँय, उनमा से एक जने आइके हमसे इआ कहिन, “इहाँ आबा, हम तोंहईं उआ बड़ी बेस्या के सजा देखाई, जउन खुब पानी माहीं बइठ ही,
तब ऊँ स्वरगदूत हमसे कहिन, “तूँ काहे चउआन हया? हम इआ मेहेरिआ, अउर उआ खतरनाक जानबर के, जेखे ऊपर उआ बइठ ही, अउर जेखे सातठे मूँड़ अउर दसठे सींग हईं, तोंहईं ओखर भेद बताइत हएन।
उआ सहर माहीं सुरिज अउर जोंधइआ के उँजिआर के जरूरत नहिं आय, काहेकि परमातिमा के तेज से, ओमाहीं उँजिआर होइ रहा हय, अउर मेम्ना ओखर दीपक आहीं।