अउर अपने देंह के इच्छन काहीं पूर करब परमातिमा से बढ़िके मानत हें, अउर अपने सरम बाली बातन के ऊपर घमन्ड करत हें, अउर धरती के बुरी चीजन माहीं आपन पूर मन लगाए रहत हें, अइसन करँइ बालेन के अन्त बिनास अरथात नरक हय।
एसे उआ बड़े सहर के तीन भाग होइगें, अउर हरेक जातिअन के सहर गिर परें; अउर बड़े बेबीलोन के स्मरन परमातिमा के इहाँ भ, कि ऊँ अपने क्रोध के जलजलाहट के मदिरा ओही पिआमँइ।
अउर जउने सातठे स्वरगदूतन के लघे ऊँ सातठे खोरबा रहे हँय, उनमा से एक जने आइके हमसे इआ कहिन, “इहाँ आबा, हम तोंहईं उआ बड़ी बेस्या के सजा देखाई, जउन खुब पानी माहीं बइठ ही,
ऊँ खुब चन्डे गोहराइके कहिन, “गिरिगा, बड़ा बेबीलोन सहर गिरिगा हय, बुरी आत्मन के निबास, अउर हरेक असुद्ध आत्मन के अड्डा, अउर हरेक असुद्ध अउर घिनहे पंछिन के अड्डा होइगा हय।
ओखे बाद एकठे बलमान स्वरगदूत बड़ी चक्की के जतबा कि नाईं एकठे पथरा उठाइन, अउर इआ कहिके समुंद्र माहीं फेंक दिहिन, “बड़ा सहर बेबीलोन इहइमेर बड़े बल से गिराबा जई, अउर पुनि ओखर कबहूँ पता न चली।
काहेकि उनखर निरनय सच्चे अउर न्यायपूर्न हें। अउर ऊँ उआ बड़ी बेस्या काहीं, जउन अपने ब्यभिचार से धरती काहीं भ्रस्ट करत रही हय, सजा दिहिन हीं, अउर ओसे अपने दासन के खून के बदला लिहिन हीं।”