ओखे बाद एकठे अउर स्वरगदूत, जिनहीं आगी के ऊपर अधिकार रहा हय, बेदी म से निकरें, अउर जिनखे लघे चोंख हँसिया रही हय, उनसे खुब चन्डे कहिन, “आपन चोंख हँसिया लगाइके, धरती के अंगूर के गुच्छन काहीं काटि ल्या, काहेकि उनखर अंगूर पकि चुके हँय।”
चउथ स्वरगदूत तुरही फूँकिन, अउर सुरिज के एक तिहाई हिस्सा, अउर जोंधइआ के एक तिहाई हिस्सा, अउर तरइअन के एक तिहाई हिस्सा माहीं बिपत्ती आइगे, इहाँ तक कि उनखर एक तिहाई हिस्सा माहीं अँधिआर होइगा, अउर दिन अउर रात के एक तिहाई हिस्सा माहीं घलाय अँधिआर होइगा।