6 अउर ऊँ सतहूँ स्वरगदूत, जिनखे लघे ऊँ सतहूँ बिपत्ती रही हँय, मखमल के सुद्ध अउर चमकँइ बाले ओन्हा पहिरे, अउर छाती के ऊपर सोने के पट्टिन काहीं बाँधे मन्दिर से निकरें।
पुनि एकठे अउर स्वरगदूत मन्दिर म से निकरिके, उनसे जउन बदरी माहीं बइठ रहे हँय, खुब चन्डे गोहराइके कहिन, “आपन हँसिया लगाइके कटाई करा, काहेकि कटाई करँइ के समय आइगा हय, एसे कि धरती के खेती पकि चुकी हय।”