2 अउर स्वरग से हमहीं एकठे अइसन बोल सुनाई दिहिस, जउन पानी के खुब धारन कि नाईं, अउर बड़े गरजन कि नाईं रहा हय, अउर जउन बोल हम सुनेन, उआ अइसा रहा हय, जइसन बीना बजामँइ बाले बीना बजाय रहे होंय।
मानि ल्या, कि अगर हमहीं इआ बरदान मिल जाय, कि हम मनइन के अउर स्वरगदूतन के सगली भाँसन काहीं बोल सकी, पय दुसरेन से प्रेम न रक्खी त हमहीं का फायदा होई? काहेकि हमार बोलब पीतल के खुब बड़ी घन्टी अउर झाँझ के बोल कि नाईं होई।
अउर जब सतमा दूत तुरही फूँकिन, त स्वरग माहीं एखे बारे माहीं बड़े-बड़े बोल होंइ लागें, कि “संसार के राज हमरे पंचन के प्रभू के, अउर उनखे मसीह के होइ ग हय, अउर ऊँ जुगन-जुगन तक राज करिहँय।”
अउर हम आगी से मिले सीसा कि नाईं, एकठे समुंद्र देखेन; अउर जउन मनई उआ खतरनाक जानबर के ऊपर, अउर ओखे मूरत के ऊपर, अउर ओखे संख्या के ऊपर बिजयी भे रहे हँय, उनहीं पंचन काहीं उआ सीसा के समुंद्र के लघे, परमातिमा के बीना काहीं लए ठाढ़ देखेन।
अउर जब ऊँ किताब लइ लिहिन, त ऊँ चारिव जिन्दा प्रानी, अउर चउबीसव अँगुआ, उआ मेम्ना के आँगे गिर परें; अउर हरेक के हाँथ माहीं बीना अउर महकँइ बाली चीजन से भरे, सोने के खोरबा रहे हँय, ईं त पबित्र लोगन के प्राथना आहीं।