4 अउर ऊँ पंचे अजिगर के अराधना किहिन, काहेकि उआ खतरनाक जानबर काहीं आपन अधिकार दइ दिहिस रहा हय, अउर इआ कहिके अराधना किहिन, कि “इआ खतरनाक जानबर के समान को हय? एसे को लड़ि सकत हय?”
इआ संसार के मालिक सइतान, ईं अबिसुआसी मनइन के बुद्धी काहीं भ्रस्ट कइ दिहिस ही, कि जउने ऊँ पंचे परमातिमा के साछात रूप, मसीह के महिमामय खुसी के खबर के उँजिआर काहीं न देखे पामँय।
उआ अपने काहीं हरेक चीजन से बढ़िके मानी, अउर उनखर बिरोध करी, अउर अइसन चीजन के जउन परमातिमा के आहीं, इआ कि जउन पूजँय के काबिल हईं। इहाँ तक कि उआ परमातिमा के मन्दिर माहीं बइठिके, इआ दाबा करी, कि हम परमातिमा आहेन।
अउर ओखर पूँछ अकास के तरइअन के एक तिहाई हिस्सा काहीं, खींचिके धरती माहीं गिराय दिहिस। उआ अजिगर उआ मेहेरिआ के आँगे जउन लड़कहाई रही हय ठाढ़ भ, कि जब उआ लड़िका पइदा करय, त ओखे लड़िका काहीं लील लेय।
अउर उआ दूसर खतरनाक जानबर काहीं, उआ खतरनाक जानबर के मूरत माहीं प्रान डारँइ के अधिकार दीन ग, कि खतरनाक जानबर के मूरत बोलँइ लागय; अउर जेतने मनई उआ खतरनाक जानबर के मूरत के अराधना न करिहँय, उनहीं मरबाय डारय।
जउन खतरनाक जानबर हम देखेन, उआ चीता कि नाईं रहा हय; अउर ओखर गोड़ भालू कि नाईं रहे हँय, अउर ओखर मुँह सेर कि नाईं रहा हय; अउर उआ अजिगर आपन सक्ती, अउर सिंहासन, अउर बड़ा अधिकार, ओही दइ दिहिस।
अउर बाँकी मनई जउन ऊँ महामारिन से नहीं मरे रहे आहीं, अपने हाँथन के कामन से मन नहीं फिराइन, ऊँ पंचे बुरी आत्मन के पूजा करत रहिगें, अउर सोन-चाँदी, अउर पीतल अउर पथरा, अउर लकड़ी, के मूरतिन के पूजा करब घलाय नहीं छोंड़िन, जउन न देख सकती आहीं, न सुन सकती आहीं, न चल सकती आहीं।