काहेकि जइसन तूँ पंचे दुसरेन के ऊपर दोस लगउते हया, उहयमेर तोंहरेव पंचन के ऊपर घलाय दोस लगाबा जई; अउर जउने नाप से तूँ पंचे दुसरेन काहीं नपते हया, उहय नाप से तोंहरेव खातिर नापा जई।
पय साढ़े तीन दिना के बाद, परमातिमा के तरफ से जीबन के साँस उन माहीं समाइगे, अउर ऊँ पंचे अपने गोड़े के बल ठाढ़ होइगें, अउर उनहीं देखँइ बालेन के ऊपर बड़ा भय छाइगा।
अउर उआ खतरनाक जानबर काहीं इआ अधिकार दीन ग, कि पबित्र मनइन से लड़य, अउर उनसे जीत जाय, अउर ओही हरेक कुल, अउर लोग, अउर भाँसा, अउर जाति के ऊपर अधिकार दीन ग।
अउर जब ऊँ किताब लइ लिहिन, त ऊँ चारिव जिन्दा प्रानी, अउर चउबीसव अँगुआ, उआ मेम्ना के आँगे गिर परें; अउर हरेक के हाँथ माहीं बीना अउर महकँइ बाली चीजन से भरे, सोने के खोरबा रहे हँय, ईं त पबित्र लोगन के प्राथना आहीं।
अउर ऊँ पंचे इआ नबा गाना गामँइ लागें, कि “अपनय इआ किताब काहीं लेंइ, अउर एखर मुहरँय खोलँय के काबिल हएन; काहेकि अपना बध होइके अपने खून से हरेक कुल, अउर भाँसा, अउर लोग, अउर जाति म से परमातिमा के खातिर लोगन काहीं मोल लिहेन हँय।