यीसु पुनि कहिन, कि “तूँ पंचे धरती के नोन आह्या, पय अगर ओखर सखरई खतम होइ जाय, त फेर उआ कउने चीज से सखार कीन जई? उआ पुनि कउनव काम के नहीं होय, केबल उआ बहिरेन फेंका जात हय, अउर मनइन के गोड़ेन से कचरा जात हय।
ऊँ सगले जन तलबार से मारे जइहँय, अउर उनमा से जऊँ बच जइहँय त उनहीं दुसरे देस के मनई बन्दी बनाइके लइ जइहँय, अउर जब तक गैरयहूदी लोगन के समय पूर न होइ जई, तब तक यरूसलेम सहर गैरयहूदी लोगन के व्दारा रउँदा जई।”
त तूँ पंचे इआ जानिल्या, कि ओही बहुत भारी सजा मिली, जउन परमातिमा के लड़िका के अपमान करत हय, अउर करार के खून काहीं अपबित्र ठहराबत हय, जउने से उआ पबित्र कीन ग रहा हय। अउर उआ किरपा करँइ बाली पबित्र आत्मा के घलाय अपमान करत हय।
पय साढ़े तीन दिना के बाद, परमातिमा के तरफ से जीबन के साँस उन माहीं समाइगे, अउर ऊँ पंचे अपने गोड़े के बल ठाढ़ होइगें, अउर उनहीं देखँइ बालेन के ऊपर बड़ा भय छाइगा।
अउर उआ मेहेरिआ उआ जंगल माहीं भागिगे, जहाँ परमातिमा के तरफ से, ओखे खातिर एकठे जघा तइआर कीन गे रही हय, कि उहाँ उआ एक हजार दुइ सव साठ दिना तक पाली पोसी जाय।
ओखे बाद हम पबित्र सहर, नबा यरूसलेम काहीं स्वरग से परमातिमा के लघे से उतरत देखेन, जउन उआ दुलहिन कि नाईं रहा हय, जउन अपने मंसेरुआ के खातिर सिंगार कए होय।
अगर कोऊ इआ किताब के भबिस्यबानी के बातन म से कुछू निकार डारी, त परमातिमा, जीबन के बिरबा अउर पबित्र सहर म से, जेखर बखान इआ किताब माहीं हय, ओखर भाग निकार देइहँय।