8 अउर जउने बोल काहीं हम स्वरग से बोलत सुनेन तय, ऊँ पुनि हमसे बात करँइ लागें; कि “जा, जउन स्वरगदूत समुंद्र अउर धरती माहीं ठाढ़ हें, उनखे हाँथे के खुली किताब काहीं लइ ल्या।”
उनखे हाँथ माहीं एकठे छोट क खुली किताब रही हय; ऊँ आपन दहिना गोड़ समुंद्र माहीं, अउर बामा धरती माहीं धरिन।